एक समय की बात है, सर्दी का दिन था और एक शेर धूप में सो रहा था। तभी वहाँ एक चूहा आया और सोए हुए शेर के शरीर पर कूदने लगा। जिससे तंग आकर शेर जाग उठा और उसने अपने भारी पंजो से चूहे को पकड़ लिया। शेर ने गुस्से में कहा, “मुर्ख चूहे मुझे तंग क्यों किया, अब तुझे इसकी सज़ा जरूर
मिलेगी।
इसके बाद चूहा बहुत डर गया और शेर से माफ़ी मांगते हुए कहने लगा कि, मुझे जाने दो अगर
आपको मेरी मदद की कभी भी जरूरत होगी तो मै आपकी मदद जरूर करूँगा।
ये सुनने के बाद शेर हँसने लगा और सोचने लगा कि ये छोटा सा चूहा मेरी क्या मदद करेगा।
चूहे को विनती करते देख शेर ने उसे माफ़ किया और जाने दिया।
कुछ ही दिनों बाद वो शेर जंगल में शिकारी द्वारा बिछाए गए एक जाल में फंस जाता है।
शेर उस जाल से निकलने की बहुत कोशिश करता है पर वो निकल नहीं पाता।
जिसके बाद वो दहाड़ना शुरू कर देता है। ये आवाज़ उस चूहे तक पहुंच जाती है
और वो शेर को बचाने के लिए वहाँ पहुँच जाता है।
चूहा अपने दांतो से जाल को काटने की कोशिश करता है और
अंत में वो शेर को बाहर निकालने में सफल हो जाता है। शेर चूहे के इस काम से बड़ा खुश होता है।
वो चूहे से कहता है कि दोस्त मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगा और साथ ही कहता है
आज से तुम मेरे सच्चे मित्र हो।