कौवे वली कभी नहीं पंचायत चुना- किस्से कहानियां,
एक बार हांसी और हांसनी कहीं जा रहे थे, थककर एक पेड़ पर बैठ गए। वहां उल्लू बैठा था। वह हांसी पर मोहित हो गया और सरपंच के पास उड़ गया। और सरपंच को बोला कि हंस मेरी घरवाली को बजा कर ले जा रह…
एक बार हांसी और हांसनी कहीं जा रहे थे, थककर एक पेड़ पर बैठ गए। वहां उल्लू बैठा था। वह हांसी पर मोहित हो गया और सरपंच के पास उड़ गया। और सरपंच को बोला कि हंस मेरी घरवाली को बजा कर ले जा रह…
मेरे बचपन की सबसे बड़ी या फिर ये कहना सही होगा कि, सबसे बड़ी बेवकूफी भरी शरारत..... हमारे समय में शक्तिमान सीरियल आता था। जिसमे बच्चे किसी भी मुसीबत में पड़ जाए तो गंगाधर शक्तिमान बनकर गो…
Garib kisan ki kahani जून का महिना था चिलचिलाती धुप में रामलाल अपने मनमे बडबडाता हुआ जा रहा था। धुप इतनी तेज थी की जमीन भी आग सी तप रही थी, रामलाल के पैर…
एक समय की बात है, सर्दी का दिन था और एक शेर धूप में सो रहा था। तभी वहाँ एक चूहा आया और सोए हुए शेर के शरीर पर कूदने लगा। जिससे तंग आकर शेर जाग उठा और उसने अपने भारी पंजो से चूहे को पकड़ लि…